रुद्रप्रयाग। 10 मई को सुबह 7 बजकर 15 मिनट पर बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने वाले हैं। सोमवार सुबह केदारनाथ धाम की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिये रवाना हो गई है। डोली को केदारनाथ धाम रवाना करने के लिये शीतकालीन गद्दीस्थल पर भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। बाबा केदार की डोली अपना पहला रात्रि प्रवास विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में करेगी।
सोमवार को आखिरकार वह दिन आ गया, जिसका भक्त पिछले छह माह ब्रेसबी से इंतजार कर रहे थे। बाबा केदार के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से बाबा केदार को केदारनाथ धाम के लिये रवाना किया गया। सोमवार सुबह के समय बाबा केदार की चांदी की डोली को फूल-मालाओं से सजाया गया। साथ ही डोली का श्रृंगार भी किया गया। इसके बाद बाबा केदार की पंचमुखी चांदी की भव्य भोग मूर्ति को डोली में विराजमान किया गया।
केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने सोने के मुकुट को इस मूर्ति को पहनाया। केदारनाथ के प्रधान पुजारी शिव शंकर लिंग को छह माह केदारनाथ में पूजा का संकल्प दिया। इसके बाद डोली की भव्य आरती उतारी गई। आरती के बाद डोली ने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की। सोमवार को बाबा केदार की पैदल डोली यात्रा अपने पहले रात्रि प्रवास के लिये गुप्तकाशी पहुंचेगी। मंगलवार को पैदल डोली यात्रा फाटा पहुंचेगी। 8 मई को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करेगी। 9 मई को डोली केदारनाथ पहुंचेगी। 10 मई सुबह सात बजकर 15 मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह के लिये भगवान केदारनाथ के कपाट खोल दिये जाएंगे। पैदल डोली यात्रा के साथ बड़ी संख्या में भक्त चल रहे हैं। आर्मी का बैंड डोली यात्रा की अगुवाई कर रहा है।
केदारनाथ के रावल भीमा शंकर लिंग ने बाताया कि ग्याहरवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से केदारनाथ के लिये रवाना हो गई है। अब दस मई को सुबह बाबा केदार के कपाट आम भक्तों के लिये खोल दिये जाएंगे। बताते चलें कि 10 मई को ही गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट भी खुल रहे हैं। इस तरह 10 मई से चारधाम यात्रा 2024 शुरू हो जाएगी।