देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मंगलवार की सुबह जोशीमठ में आईटीबीपी अस्पताल में जाकर आपदा ग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाले गए लोगों से मिले और उनका हालचाल जाना।
वहां से निकलने के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिन 12 घायलों को रेस्क्यू किया गया है वो आईटीबीपी के इस अस्पताल में भर्ती हैं, सभी ठीक हैं।
उन्होंने बताया कि घायलों के शरीर में काफी दर्द है, डॉक्टरों का कहना है कि ये धीरे-धीरे ठीक हो जाएगा। जो 360 परिवार पुल के ढहने से जिले से कट गए हैं मैं उनसे संपर्क करने गए।
वह ये भी बोले कि, ये रणनीति बनी है कि वहां टनल दो मशीनों से काम लिया जा सकता है ताकि जल्दी लोगों को रेस्क्यू किया जा सके।
टनल के अंदर 30-35 लोगों के फंसे होने की संभावना है, उन तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके साथ ही सीएम हादसे के एरियल सर्वे के लिए हेलिकॉप्टर से निकले। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आपदा प्रभावित सीमांत गांव क्षेत्र रैणी जाकर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं की जानकारी ली।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिये कि आपदा से कट गये गांवों में आवश्यक वस्तुओं की कमी न रहे।
रविवार को तपोवन क्षेत्र में हुई भीषण त्रासदी मे जिले के जोशीमठ ब्लाक के सीमांत क्षेत्र के 13 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया था।
प्रदेश भाजपा ने चमोली जिले में आई आपदा के बाद 13 फरवरी तक अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं।
प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए कि वे आपदा प्रभावित इलाकों में जाकर राहत कार्यों में जुटें।
भगत और पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चैहान स्वयं रैणी गांव के लिए रवाना हो गए। मंगलवार को जोशीमठ के आपदा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर आपदा राहत कार्यों का जायजा लेंगे।