अटल उत्कृष्ट स्कूलों में छात्रों की पढाई हुई महंगी, छात्रों के साथ की गई वादाखिलाफी

देहरादून : प्रदेश में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के ड्रीम प्रोजेक्ट अटल उत्कृष्ट स्कूल में छात्रों की पढ़ाई अभिभावकों को महंगी पड़ रही है। इसमें सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध होने की वजह से छात्रों की रजिस्ट्रेशन से लेकर बोर्ड परीक्षा फीस दस गुना तक बढ़ गई है। इस प्रोजेक्ट में सरकार ने पंजीकरण फीस का खर्च खुद उठाने की बात कही थी। लेकिन अब वह पीछे हट गई है। सरकार ने अटल उत्कृष्ट स्कूलों में रजिस्ट्रेशन का खर्च खुद उठाने की घोषणा की थी। 27 अगस्त 2021 में सीएम और शिक्षा मंत्री ने इस बाबत घोषणा की थी। लेकिन बाद में बजट न होने का हवाला देते हुए शिक्षा विभाग ने छात्रों को खुद ही रजिस्ट्रेशन कराने को कह दिया। 

बता दे कि शिक्षा विभाग ने सरकार को अटल उत्कृष्ट स्कूलों की व्यवस्था के लिए 13 करोड़ 70 लाख रुपये का अतिरिक्त बजट का प्रस्ताव भी भेजा है। जिसकी पुष्टि माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने की है। वहीं सरकार ने पिछले साल 189 सरकारी स्कूलों को अटल उत्कृष्ट स्कूल के नाम से विकसित किया है। इन स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध किया गया है। 135 स्कूल और अटल स्कूल बनाए जाने हैं। इन स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अटल स्कूल का प्रयोग निसंदेह बेहतर है। लेकिन सीबीएसई के मानक के अनुसार व्यवस्थाएं करनी भी जरूरी हैं। 

दूसरी तरफ उत्तराखंड बोर्ड और सीबीएसई की फीस में भी काफी अन्तर है I जहाँ यूके बोर्ड में कक्षा नौ और 11 वीं में रजिस्ट्रेशन की फीस महज 10 रुपये है। जबकि सीबीएसई में इसके लिए 300 रुपये तय हैं। इसी प्रकार उत्तराखंड बोर्ड का हाईस्कूल और इंटर बोर्ड परीक्षा शुल्क महज 200 और 350 रुपये है। जबकि सीबीएसई में इसके लिए 1800 और 2750 रुपये लिए जाते हैं। वर्तमान में नवीं और 11 के 27 हजार 793 छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

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