देहरादून। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अंतर्गत राज्य स्तरीय एम्पावर्ड समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान जनपदों के विभिन्न प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना का मुख्य उद्देश्य चिन्हित पलायन प्रभावित गांवों में आवासित परिवारों, बेरोजगार युवाओं, रिवर्स माईग्रेन्ट्स आदि को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले वर्षों के लिए माईक्रो प्लान तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि सभी गांवों की अपनी-अपनी विशेष समस्याएं हैं, जिनके निराकरण के लिए विलेज स्पेशिफिक प्लान बनाया जाए। उन्होंने जुलाई, 2021 तक प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। इन योजनाओं हेतु पहले विभागीय योजनाओं से फंडिंग करने के प्रयास किए जाएं, एवं गैप की फंडिंग मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना से की जाए। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य पलायन की रोकथाम है। ऐसी योजनाओं पर फोकस किया जाए जिनसे पलायन रोका जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि फिशरीज से सम्बन्धित प्रस्तावों के लिए सीड आदि की व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि फिश सीड ट्रांसपोर्टेशन के लिए बैटरी ऑपरेटेड ऑक्सीजनाइज्ड टैंक की व्यवस्थाएं की जा सकती हैं, ताकि ट्रांसपोर्टेशन में फिश सीड खराब न हों। उन्होंने प्रस्तावों भेजे जाने से पहले ईकॉनोमिक फीजिबिलिटी एनालिसिस एवं टैक्निकल फीजिबिलिटी एनालिसिस करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि चारा बैंक की स्थापना दुग्ध समितियों के समीप ही किया जाए। इनके संचालन का जिम्मा दुग्ध समितियों को ही दिया जा सकता है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार एवं सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।