राजधानी देहरादून में दिन दहाड़े लूट, पुलिस ने चलाया पूरे शहर में चैकिंग अभियान

-हथियाबंद बदमाशों ने दिया स्कूल संचालक के घर लूट को अंजाम -घर की महिलाओं को धमकाकर गहने व नगदी लूटी देहरादून: हथियारबंद बदमाशों ने स्कूल संचालक के घर में घुस महिलाओं को बंधक बनाकर लाखों के जेवरात व नगदी लूट ली। शोर सुनकर बदमाश मौके से फरार हो गये। सूचना मिलते ही एसपी सिटी सरिता डोभाल, नेहरू कालोनी थाना प्रभारी लोकेन्द्र बहुगुणा मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर बदमाशों की तलाश में सघन चैकिंग अभियान चला दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नेहरू कालोनी थाना क्षेत्रान्तर्गत सी ब्लाक निवासी एमडीडीए से सेवानिवृत्त पीके अग्रवाल का पुत्र क्षेत्र में ही सेंट एनी पब्लिक स्कूल चलाता है। आज दोपहर सवा बारह बजे पीके अग्रवाल की पत्नी सुनीता व पुत्री रश्मि घर के आंगन में बैठी थी, पीके अग्रवाल की तबियत ठीक न होने के कारण वह भी कमरे में ही लेटे हुए थे। इसी दौरान चार बदमाश घर में घुस गये। बदमाशों में से एक के हाथ में तमंचा व तीन के हाथ में चाकू थे। बदमाशों ने घर में घुसते ही सुनीता व रश्मि को हथियारों के दम पर धमकाया और घर में जो कुछ भी है उसको देने की धमकी दी। जिसके बाद सुनीता अग्रवाल ने अपने कान के कुंडल, चार कंगन, टाप्स बदमाशों को उतार कर दे दिये, रश्मि ने भी अपने पहने हुए गहने बदमाशों को दे दिये। इस दौरान बदमाशों ने सुनीता अग्रवाल से दो हजार रूपये नगद व रश्मि से दस हजार रूपये नगद भी छीन लिये। पीके अग्रवाल की पुत्रवधु ऊपरी मंजिल में किसी से फोन पर बात कर रही थी। इसी दौरान उसने जब घर मेें आवाजें सुनी तो उसने अपने आपको बचाते हुए अपने को एक कमरे में बंद कर लिया और फोन से स्कूल के कर्मचारियों व अपने पति संदीप को घर में हो रही घटना की जानकारी दी। घर के बाहर हलचल सुनकर बदमाश वहां से भाग गये। जिसके बाद संदीप अग्रवाल ने घटना की सूचना पुलिस को दी। दिनदहाडे हुई लूट की घटना की सूचना मिलते ही डीआईजी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, एसपी सिटी सरिता डोभाल, नेहरू कालोनी थाना प्रभारी लोकेन्द्र बहुगुणा फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण कर परिजनों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि बदमाश सम्भवतः दुपयिा वाहन से मौके से भागे थे। उन्होंने बताया कि बदमाशों में एक बदमाश लंगडाकर चल रहा था। पुलिस ने बदमाशों की तलाश में सघन चैकिंग अभियान चलाया लेकिन देर सांय तक कोई कामयाबी नहीं मिल पायी थी।

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