विधानसभा स्पीकर के स्टाफ पर उठे सवाल, सूची हुई वायरल

देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी और विधानसभा में बैकडोर से भर्तियों को लेकर बीते दिनों हुए विवाद के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निजी स्टाफ में राज्य के बाहर के लोगों को नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है। उनके स्टाफ के कर्मचारियों की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

सोशल मीडिया पर लोग स्थानीय की बजाए बाहरियों को नौकरी देने को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। पिछले दिनों स्पीकर खंडूड़ी ने वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में बैकडोर से नियुक्त कर्मचारियों को बाहर करने का साहसिक फैसला लिया। उनके इस फैसले की जमकर सराहना हो रही थी। पर अब खुद उनके ही निजी स्टाफ के कर्मचारियों की एक सूची वायरल हो रही है।

इस सूची में अलग-अलग राज्यों के लोगों को उनके स्टाफ में विभिन्न पदों पर दर्शाया गया है। यह सूची सोशल मीडिया पर आते ही बड़ी संख्या में लोग हमलावर हो गए। लोगों ने सूची शेयर करते हुए स्पीकर की मंशा पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि क्या उत्तराखंड में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जिन्हें इन पदों पर तैनात किया जा सके?

इन सब के बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी ने जवाबदेही करते हुए कहा है कि देखिए, यह मेरा पर्सनल स्टाफ है। मेरे स्टाफ में पहाड़ के भी लोग हैं लेकिन सूची में उनका नाम नहीं है। कोई नहीं, मैं बचाव भी नहीं कर रही हूं। मैंने जिन लोगों को स्टाफ में रखा है, उनको तीस से चालीस साल का अनुभव है। सरकारी कामकाज के लिए अनुभवी लोग चाहिए।

खंडूरी ने इसे बैकडोर भर्ती प्रकरण से जोड़ते हुए कहा कि अभी इतना बड़ा काम किया है तो कुछ लोग मुझे भी तो हिट करेंगे। मेरा मन साफ है, मैं कोई घबराने या डरने वाली महिला नहीं हूं। मेरा उद्देश्य राजनीति से ज्यादा समाज सेवा है। खैर, लोगों ने मेरे पिताजी को नहीं छोड़ा तो मेरी क्या हैसियत है। 

स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि विधानसभा के जिन विभागों में कर्मचारी नहीं हैं उनके लिए सरकार से कर्मचारी मांगे जाएंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में कर्मियों को हटाने के बाद यह समस्या आनी ही थी, हालांकि पदों की रिस्ट्रक्चरिंग के बाद यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

स्पीकर ने साथ ही कहा कि विस में पदों की रिस्ट्रक्चरिंग कराई जा रही है और जरूरत के अनुसार पद सृजित कर कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी। उन्होंने कहा, विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से करने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे ताकि भविष्य में भर्तियों पर विवाद न हो।

दरअसल विधानसभा की पिछली भर्तियों में विवाद और जांच के बाद 250 कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई जारी है। इससे लेखा और अधिष्ठान विभाग खाली हो गए हैं। हालांकि कुछ सेक्शनों में अभी भी ज्यादा कर्मचारी हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि रिपोर्टर भी बहुत कम रह गए हैं और रक्षकों के पद भी खाली हो गए हैं।

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