हरिद्वार। भगवान के नाम का स्मरण करने मात्र से ही मनुष्य समस्त पाप कर्मों से छूटकर मोक्ष को प्राप्त कर लेता है। जन्म और मृत्यु पर भगवान का ही अधिकार हैै लेकिन संसारी कर्मों में लीन होने क कारण मनुष्य भगवान को ही भूल जाता है। इसके चलते उसे नाना प्रकार के दुखों को भोगना पड़ता है। उक्त विचार भागवत कथाचार्य सुशील कुमार पाठक ने सिडकुल के नेहरू कॉलोनी में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अवसर पर व्यक्त किए। कथा व्यास सुशील कुमार पाठक ने कहा कि मनुष्य के जीवन में आने वाले कष्ट भगवान की परीक्षा है जिस पर उत्तीर्ण होने पर ही ईश्वर से मिलन संभव है।
श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास सुशील कुमार पाठक ने भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कृष्ण भक्ति गीत धारा में भक्तगण जमकर नाचे। पूरा पंडाल श्री कृष्ण के जयघोष से भर गया। इसके पूर्व उन्होंने अजामिल की कथा का भी वर्णन सुनाया कि किस प्रकार पाप कर्मों में रत अजामिल अंत समय में परमात्मा का नाम लेने से स्वर्ग को सिधार गया। कथा में सुमित अनुराग पाठक, अनुज बाजपेई एवं आयोजन समिति के सदस्य पवन सिंह, अमन सिंह, नीरा सिंह, अनिरुद्ध तिवारी, वरुण शुक्ला, रेनू शुक्ला, अश्वनी शुक्ला, शिवम शुक्ला, जुगल किशोर मिश्रा, मनीष मिश्रा सहित अन्य कॉलोनी के लोग मौजूद रहे।