मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 9 हैल्थ एटीएम तथा 40 ट्रू नेट मशीनों का लोकापर्ण किया

हीमोग्लोबिन, ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर, युरिक ऐसिड, कॉलेस्ट्रॉल, किडनी टेस्ट सहित 72 तरह के हैल्थ टेस्ट आमजन के लिए निःशुल्क    सीएम ने किया 40 ट्रू नेट मशीनों का लोकपर्ण। ट्रू नेट मशीनों के माध्यम से टी0बी, कोविड सहित विभिन्न रोगों की जांच निःशुल्क    आमजन के समय और धन की बचत- सीएम   देहरादून : मुख्यमंत्री धामी ने की देशभर के निजी संगठनों व कम्पनियों से कॉरपॉरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा एवं स्वच्छता के क्षेत्र में मदद की अपील   मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को…

आयुर्वेद व ऐलोपैथी पद्धति को आपस में तालमेल बनाकर चिकित्सकीय इलाज दे कर बेहतर इलाज किया जा सकता है : मुख्य सचिव

देहरादून : मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में उत्तराखंड के पीएमएचएस चिकित्सा अधिकारीयों के लिए आम जनमानस के इलाज हेतु आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने आयुर्वेद पद्धति के महत्त्व पर विषेश बल देते हुए कहा कि प्राचीन समय से ही आयुर्वेद द्वारा चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। आज के समय में आयुर्वेद व ऐलोपैथी पद्धति को आपस में तालमेल बनाकर आम जनमानस को चिकित्सकीय इलाज दे कर बेहतर इलाज किया जा सकता है।  …

ऋषिगंगा झील इलाके से लौटी मॉनिटरिंग टीम

देहरादून: चमोली आपदा के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ऋषिगंगा झील के मुहाने से जल स्तर बढ़ने और रिसाव की जानकारी सामने आई है। 12 फरवरी को  उत्तराखंड पुलिस की मॉनिटरिंग टीम रैणी गांव के ऊपर हिमालयी क्षेत्र में बनी झील के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाने पैदल मार्गों से जलभराव क्षेत्र पहुंची। इससे पूर्व में ग्लेशियर सहित अन्य कारणों से अत्यधिक मात्रा में पानी यहां रुक गया था। जिसके कारण आम जनमानस में भय का माहौल बना हुआ है। टीम झील की स्पष्ट स्थिति को समझने के लिए दुर्गम झील…

दोबारा शुरु होगा तपोवन परियोजना का कामः केंद्रीय ऊर्जा मंत्री

जोशीमठ। चमोली पहुंचे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन का दौरा कर स्थानीय लोगों से आपदा के बारे में जारकारी ली। उन्होंने एनटीपीसी के अधिकारियों से परियोजना के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने कहा कि तपोवन और ऋषि गंगा परियोजनाओं को लगभग 15 सौ करोड़ की क्षति हुई है। वर्ष 2023 तक 520 मेगावाट की तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना का कार्य पूर्ण होना था। लेकिन परियोजना बैराज, टनल में मलबा पसरा है। इसे हटाने में समय लगेगा। इसके बाद परियोजना निर्माण कार्य दोबारा…