देहरादून: देश के 76वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने तिरंगा यात्रा आयोजित की जिसमें पतंजलि परिवार और मुस्लिम समाज के लोग एक साथ शामिल हुए। पतंजलि योगपीठ से प्रारंभ होकर यह यात्रा ग्राम बुडाहेडी से होते हुए ग्राम कासमपुर पर जाकर समाप्त हुई जहां दोनों गांवों में स्थित मदरसों पर स्वामी रामदेव और उनके करीबी सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने ध्वजारोहण किया।
यात्रा के दौरान पूरा वातावरण ‘भारत माता की जय’, ‘वन्दे मातरम’ के नारों से गूंज उठा।
कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा कि इस यात्रा से मत, धर्म, जाति, सम्प्रदाय के भेद मिटेंगे और हमारा संकल्प है कि आजादी के अमृत महोत्सव से प्रारंभ होकर देश के आजादी के शताब्दी दिवस तक हम देश को विश्व की सर्वोच्च महाशक्ति बनाएंगे। उन्होंने कहा, ”हिन्दू-मुसलमान सब साथ मिलकर चलेंगे। हम भारत की एकता, आपसी सौहार्द, सम्प्रभुता और भाई-चारा जिन्दा रखेंगे।”
इस दौरान कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि इस तिरंगा यात्रा से पूरे विश्व में एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता तथा भाईचारे का संदेश जाएगा। जहां एक ओर पूरी दुनिया धर्म व जाति के नाम पर आपसी मतभेद, युद्ध व विनाश की ओर जा रही है, वहीं यह तिरंगा यात्रा आपसी भाईचारे की मिसाल बनेगा। मदरसे में ध्वजारोहण कार्यक्रम से पूर्व बाबा रामदेव ने पतंजलि में भी ध्वजारोहण किया।