युवा सन्तों ने गंगा घाट से पॉलीथिन एकत्र कर बनाई इक्रो ब्रिक

हरिद्वार। पर्यावरण समिति के तत्वाधान में भीमगोडा-पन्तदीप गंगा घाट पर युवा सन्तों ने पर्यावरण युक्त-पॉलीथिन मुक्त कुम्भ का संदेश दिया। ऋषिकेश के स्वामी विजयानंद सरस्वती व युवा सन्त स्वामी लोकेश दास के सयोजन में सन्तों ने गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान चलाते हुए गंगा घाटों फैली वन यूज पॉलिथीन को एकत्र कर प्लास्टिक की बोतल में बंद कर इको ब्रिक बनाई। गंगा घाट पर पहुचे श्रद्धालुओं व फड़ी दुकानदारों को इक्रो ब्रिक के महत्व को भी समझाया।
इस अवसर पर ऋषिकेश से आये स्वामी विजयानन्द सरस्वती ने कहा कि पॉलिथीन एक अभिश्राप है। जो यूज करने वाले को क्षणिक सुविधा तो देती है, लेकिन भविष्य के लिए गम्भीर परिणाम छोड़ जाती है। उन्होंने कहा कि वन यूज पॉलीथिन का प्रयोग आज हर जगह हो रहा है। आमतौर पर लोग वन यूज पॉलीथिन का प्रयोग कर फेंक देते है। फेंकी गई वन यूज पॉलीथिन को जानवर खाकर बे मौत मरते है। पॉलीथिन जहां डलती है उस भूमि को नष्ट कर देती है, नाली-सीवर में जाकर पॉलीथिन चौक कर देती है। यही नही गन्दगी बहकर नदियों में जाती है। नदियों में पॉलीथिन जाकर पानी मे रहने वाले जीव-जंतुओं को मारती है। यह सब पाप इंसान अनजाने में करता ही जा रहा है। इस पाप का बोध कराने व पॉलीथिन के निस्तारण का विकल्प बताने के लिए सन्त मुहिम चला रहे है। स्वामी लोकेश दास ने सभी सन्तों का आह्वान करते हुए कहा कि वह कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को इक्रो ब्रिक बनाने का संदेश दे। महंत रविदेव शास्त्री ने कहा कि कुम्भ के माध्यम से देश-दुनिया मे पॉलीथिन मुक्त समाज का मैसेज देना होगा। उन्होंने कहा कि समाज को अब खुद जागरूक होना पड़ेगा। यदि समाज आज जागरूक नही हुआ तो पॉलीथिन का जहर आने वाली पीढियो को नष्ट कर देगा। हरियाणा के स्वामी सहजानन्द ने बताया कि आरएसएस पर्यावरण गतिविधि द्वारा पर्यावरण युक्त-पॉलीथिन मुक्त कुम्भ का संकल्प लिया गया है। समाज के हर वर्ग को इस अभियान में हिस्सेदारी करनी चाहिए। एक फड़ दुकानदार को इक्रो ब्रिक की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इक्रो ब्रिक से किस प्रकार स्वयं की रक्षा के साथ-साथ समाज की सुरक्षा करते है।
अभियान के दौरान डॉ हरिहरानन्द महाराज, महन्त सुतीक्षण मुनि, महन्त प्रहलाद दास, महन्त जसविंदर सिंह, महंत सुमित दास, महंत सूरज दास, महंत अरुण दास, महन्त ओमानंद, महंत गुरुमुख दास, महन्त प्रेमानंद महाराज, महन्त विवेकानंद, महन्त परमानंद, महंत सर्वानंद, महंत आनंद स्वामी, पर्यावरण समिति के सदस्य डॉ.विपिन यादव, अमित शर्मा आदि मौजूद रहे।

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