कोटद्वार: देव-डोलियों के स्नान की परंपरा बहुत प्राचीन और यह उत्तराखंड की महत्वपूर्ण विरासत है ।यह बात डोली स्नान आयोजन समिति के अध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी ने कोटद्वार पत्रकार वार्ता में कही ।
उन्होंने बताया कि गढ़वाल से आई डोलियां 24 अप्रैल को त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में रुकेंगी। राज्य भर की डोलियों का शाही स्नान 25 अप्रैल को हरकी पैड़ी पर होगा । जिसकी समस्त तैयारियों को पूरा कर लिया गया है।
बताया कि प्रमुख देवताओं की डोलियों के साथ-साथ अनेक गांवों से उप देवताओं की डोलियां भी आएंगी कुल मिलाकर डोलियों की संख्या लगभग एक हजार होने की उम्मीद है।
देवडोली स्नान का नेतृत्व खेम नागर्जा श्री कृष्ण भगवान के सानिध्य में तथा भगवान बद्रीनाथ के झंडे के नेतृत्व में सम्पन्न करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लोकसंस्कृति विरासतीय शोभा यात्राओं का कार्यक्रम मात्र प्रदर्शन नहीं है, बल्कि पर्यावरणीय वातावरण को भी सुदृढ तथा सनातनी स्वरूप को भी सशक्तीकरण करना है।
इस बार देवडोलियों में राजजात की टंतोलियों को भी देवस्नान में शामिल किया गया है, तथा इस बार देवडोलियों पर हेलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा भी की जायेगी। देवी-देवताओं की डोलियों का शाही स्नान जुलूस 25 अप्रैल को सवेरे संतों के शाही जुलूस की भांति धूमधाम से निकाला जाएगा।
राज्य की कई दिग्गज हस्तियां डोली स्नान यात्रा में भाग लेंगी। हम जगह-जगह जाकर सभी को आमंत्रण दे रहे हैं ।इस मौके पर राजेन्द्र जेजेडी, गजेन्द्र कन्याल, ऋषि कण्डवाल, आचार्य बृजेश चतुर्वेदी मौजूद थे।