काशीपुर: किसान कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है। अब किसानों का यह आंदोलन दिल्ली से लेकर गांव-गांव तक पहुंचना शुरू हो गया है। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में इस किसान आंदोलन का एक अनोखा रूप देखने को मिला है। जहां जनपद के कई गांवों में किसान आंदोलन के सपोर्ट में गांव के बाहर बीजेपी के कार्यकर्ताओं का प्रवेश बंद के नाम से बैनर दिखाई दे रहे हैं।
जनपद के बाजपुर तहसील की ग्राम शिवपुरी और ग्राम बांसखेड़ा में किसानों ने किसान विरोधी कानूनों का समर्थन करने वाले नेताओं की गांव में एंट्री को पूरी तरह से बंद कर दिया है। इसके लिए ग्रामीणों ने गांव के प्रवेश द्वार पर ही फ्लेक्स साइन बोर्ड लगाकर नेताओं को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वह गांव में आए तो उनको विरोध का सामना करना पड़ेगा।
बीती 5 जनवरी को ग्राम बांसखेड़ा के विजय नगलिया में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कार्यक्रम था। जहां किसानों ने शिक्षा मंत्री का जबरदस्त विरोध किया था। ग्रामीणों का आरोप था कि शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय लगातार किसान विरोधी कानूनों का समर्थन कर किसानों का मजाक बना रहे हैं. जिससे किसानों में आक्रोश है।
वहीं दूसरी जगह जनपद के काशीपुर में नवगठित कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं। उसी के मद्देनजर उत्तराखंड के उधम सिंह नगर क्षेत्र के कई गांव में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। काशीपुर के विधानसभा क्षेत्र के बघेला वाला गांव में किसान विरोधी भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं को चेतावनी देते हुए पोस्टर बैनर और होर्डिंग ग्रामीणों ने लगाए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर किसान विरोधी भाजपा सरकार है तो भाजपा सरकार विरोधी किसान है। ग्रामीणों ने साफ तौर पर कहा है कि बघेला बाला गांव में भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता को नहीं घुसने दिया जाएगा। यदि कोई प्रवेश करता है तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं की होगी।
बीजेपी के प्रदेश मंत्री आशीष गुप्ता ने कहा कि किसानों का धरना 70 दिनों से अधिक हो गए हैं, किसानों में भ्रम की स्थिति पैदा कर कुछ पार्टियां राजनीति कर रही हैं। जिससे कई गांव में बीजेपी के कार्यकर्ताओं को गांव में प्रवेश बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार किसानों से वार्ता कर रहे हैं और जल्द ही इसका हल निकलेगा।