गंगा बचाओ अभियान के तहत संतों ने किया गंगा पूजन व दुग्धाभिषेक

हरिद्वार। हिमालय बचाओ एंव गंगा बचाओ अभियान के तहत भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय एवं संत समाज ने श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद महाराज के नेतृत्व में हर की पैड़ी ब्रह्म कुंड पर गंगा सभा पदाधिकारियों के साथ गंगा पूजन एवं दुगधाभिषेक कर विश्व कल्याण की कामना की।
मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान समय में हम सभी को गंगा एवं हिमालय के प्रति सजग रहकर इनके अस्तित्व को बचाने के लिए आगे आना होगा। ग्लेशियर लगातार तेजी से पिघल रहे हैं और गंगा का वेग लगातार घट रहा है। यदि इसी प्रकार गंगा का वेग घटता रहा और ग्लेशियर पिघलते रहे तो आने वाली पीढ़ी पर गौमुख से लेकर गंगासागर तक भयंकर संकट आ सकता है। उन्होंने कहा कि इस अभियान को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनकी बातचीत हुई है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही हरिद्वार से बुद्धिजीवी, समाजसेवी, डॉक्टर, वकील तथा विभिन्न संगठनों के लोगों को मिलाकर एक कमेटी तैयार की जाएगी जो हिमालय एवं गंगा बचाओ अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने का कार्य करेगी।
श्री चेतन ज्योति आश्रम के अध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि राज्य सरकार को गंगा की स्वच्छता एवं अविरलता निर्मलता बनाए रखने के लिए कठोर कानून बनना चाहिए। देवभूमि आने वाला कोई भी व्यक्ति अथवा श्रद्धालु गंगा में गंदगी न फेंके और गंगा की निर्मलता व कोमलता बनी रहे। मिलजुलकर सभी के प्रयासों से हिमालय और गंगा का अस्तित्व बच सकता है हम सभी को इसके प्रति जागरूक होना होगा। साथ ही राज्य सरकार को भी विभिन्न कार्यक्रमों और एलईडी टीवी के जरिए लोगों को जागरूक करना होगा कि वह किसी भी प्रकार की पॉलिथीन पुराने वस्त्र अथवा सामग्री गंगा में प्रवाहित ना करें। संत समाज जल्द ही इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर वार्ता करेगा।
युवा भारत साधु समाज के महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री एवं गंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम ने कहा कि मां गंगा करोड़ों श्रद्धालु भक्तों की आस्था का प्रतीक है गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखना हम सभी देशवासियों का कर्तव्य है। हम सभी की गंगा और पर्यावरण के प्रति आस्था और श्रद्धा बनी रहेगी तभी भाभी पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहेगा। इस अवसर पर महंत श्रवण मुनि, महंत दिनेश दास, महंत ज्योतिर्मयानंद, स्वामी हरिहरानंद महंत सुतिक्षण मुनि,योगी आशुतोष, स्वामी गगनदेव गिरी, स्वामी प्रेमविक्रम सहित कई लोग मौजूद रहे।

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