विधानसभा सत्र गैरसैंण सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों का हुआ निलंबन बापस

देहरादून:  उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सदन में जोरदार गहमागहमी रही। विपक्ष सत्र की अल्प अवधि पर सरकार को घेर रहा है। वहीं मार्च में गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में हुए सत्र के दौरान कांग्रेस के कुछ विधायकों को निलंबित किए जाने का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया। आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों के निलंबन को वापस ले लिया। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष की जबरदस्त घेराबंदी के सामने सत्ता पक्ष पस्त दिखाई दिया। सत्र का समय बढ़ाने की मांग को लेकर कांग्रेसी विधायकों ने दुसरे दिन भी जबरदस्त हंगामा किया। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह कहकर कि सरकार के पास बिजनेस नहीं है इसलिए सत्र का समय बढ़ाया जाना संभव नहीं है।  वही सरकार को आज अपने विगत गैरसैंण सत्र के दौरान कांग्रेसी विधायकों के निलंबन प्रस्ताव को भी वापस लेना पड़ा। सत्र की शुरुआत से ही कांग्रेसी विधायक सत्र की अवधि को कम रखने को लेकर आग बबूला है। उनका आरोप है कि सरकार ने कुछ काम ही नहीं किया है इसलिए वह विपक्ष द्वारा जनता की समस्याओं से जुड़े सवालों को सुनने को भी तैयार नहीं है इसलिए जानबूझकर सत्र की अवधि को कम रखा गया है जो गैर संवैधानिक है। आज भी सत्र की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेसी विधायकों ने धरना प्रदर्शन किया। यशपाल आर्य का कहना है कि सरकार अभी भी यूपी के नियम कानून पर चल रही है। सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने यह कहकर कि जब सरकार के पास काम ही नहीं तो सत्र को बढ़ाने की क्या जरूरत है अपनी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया। यह पहला मर्तबा है जब किसी संसदीय कार्य मंत्री ने ऐसा अति गंभीर और बेतुका जवाब दिया है कि सरकार के पास बिजनेस नहीं है। 11 बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्ष ने राज्य में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर चर्चा की मांग की गई लेकिन सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं दिखी। अतिक्रमण हटाओ अभियान के बारे में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अतिक्रमण हटाने की आड़ में किसी भी व्यापारी या सड़क के किनारे काम करने वाले राज्य के लोगों का उत्पीड़न न किया जाए साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लैंड जिहाद के खिलाफ उनकी सरकार का अभियान जारी रहेगा। उधर कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने 14 मार्च को गैरसैंण सत्र के दौरान 11 कांग्रेसी विधायकों को निलंबित किए जाने को गैर संवैधानिक बताते हुए कहा कि सदन में इसका पहले प्रस्ताव लाया जाना चाहिए था। जिन कांग्रेसी विधायकों को सीधे तौर पर निलम्बित करने का फैसला लिया गया था वह गैर संवैधानिक था। जिसे आज सरकार ने गैर संवैधानिक मानते हुए इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है। रुड़की और लक्सर क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान और किसानों को इसकी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी सदन में उठाया गया। इससे पहले सुबह खानपुर विधायक उमेश कुमार बाढ़ से खराब हुई फसल के साथ टै्रक्टर लेकर विधानसभा पहुंचे थे जिन्हे सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका गया था। आज शाम सरकार लगभग एक दर्जन भर विधेयक प्रस्ताव सदन में रखने जा रही है जिन्हें थोड़ी बहुत चर्चा के साथ पारित किया जाना और सप्लीमेंट्री बजट जो 11000 करोड़ से अधिक है पेश किया जाना है। माना जा रहा है कि इस काम के निपटते ही मानसून सत्र के समापन की घोषणा हो सकती है क्योंकि कल कृष्ण जन्माष्टमी की छुटृी भी है।

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