केन्द्र व राज्यों के मध्य आपसी समन्वय में मध्य क्षेत्रीय परिषद् की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ. एस.एस. संधु

देहरादून: मुख्य सचिव उत्तराखण्ड डॉ. एस.एस. संधु ने मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के साथ 15वीं बैठक की। इस दौरान मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों में स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात जोर दिया गया। स्थानीय उत्पादों को मिड डे मील के अंतर्गत अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात की गई। दूरस्थ गांवों में 5 किमी के दायरे में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर बल दिया गया। इसके साथ ही, भारत नेट 1, भारत नेट – 2 एवं भारत नेट – 3 परियोजनाओं के माध्यम से मोबाईल कनेक्टिविटी को बढ़ाए जाने पर बल दिया गया।

शनिवार को देहरादून में हुई बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव उत्तराखण्ड डॉ. संधु ने कहा कि केन्द्र व राज्यों के मध्य आपसी समन्वय, आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा तथा केन्द्र सरकार से समाधान हेतु मध्य क्षेत्रीय परिषद् की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैठक में छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश राज्य में राज्य सरकारों द्वारा संचालित गुड प्रैक्टिसिस पर भी चर्चा की गई।

बैठक के दौरान राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी। सभी राज्यों द्वारा अपनाई गयी बेस्ट प्रेक्टिसेज को सभी मध्य क्षेत्रीय परिषदीय राज्यों में लागू किए जाने बात कही गयी। उक्त बिन्दुओं पर छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश राज्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। सभी राज्यों से बेस्ट प्रैक्टिसेज पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।

इस अवसर पर सचिव अंतरराज्यीय परिषद् सचिवालय, गृह मंत्रालय, भारत सरकार से अनुराधा प्रसाद, छतीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन, वर्चुअल मध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, तथा अपर सचिव अंतरराज्यीय परिषद् सचिवालय आशीष श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव विक्रांत पाण्डेय, के.एन. राय एवं भारत सरकार से सचिव, अपर सचिव राज्यों एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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