उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और पतंजलि दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट के मध्य एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

हरिद्वार: प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में आयोजित उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट (पतंजलि) के मध्य होने वाले एमओयू हस्ताक्षरित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और दिव्य योग मन्दिर ट्रस्ट (पतंजलि) के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। कार्यक्रम में स्वामी राम देव,आचार्य बालकृष्ण सहित ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

इसअवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने स्वामी राम देव का आशीर्वाद भी प्राप्त किया। शनिवार को आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों के 95 विकास खण्डों में चरणबद्ध तरीके से संचालित की जा रही है। योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में गरीब परिवारों का क्षमता एवं कौशल विकास कर उन्हें सतत आजीविका संवर्द्धन के साथ उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना है।

गणेश जोशी ने कहा राज्य में वर्तमान समय तक 4.22 लाख महिलाओं को संगठित कर 56362 समूह और 5718 ग्राम संगठन एवं 353 कलस्टर स्तरीय संगठनों का गठन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य में 6000 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर कुल 4.91 लाख परिवारों को संगठित कर कुल 64000 समूह गठन किये जाना प्रस्तावित है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि रिवॉल्विंग फंड्स योजना के अन्तर्गत प्रत्येक समूह को 15000 से 30000 रूपये तक आर0एफ0 दिये जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 6000 समूहों को आर०एफ० दिये जाने का प्रस्ताव है, जिसके उपरान्त राज्य के 85 प्रतिशत समूहों को आर०एफ० से आच्छादित किया जायेगा। उन्होंने कहा राज्य में यू०एस०आर०एल०एम० द्वारा 39715 समूहों को परिकामी निधि ( रिवॉल्विंग फण्ड) के रूप में 4133.37 लाख रूपये धनराशि एवं 50921 समूहों की सूक्ष्म ऋण योजना तैयार करते हुये कुल 25636 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 15285.41 लाख रूपये की धनराशि उनकी छोटी जरूरतों की पूर्ति तथा आपसी लने-देन करने हेतु उपलब्ध करायी गयी है।

जोशी ने कहा कि महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं से जोडने हेतु राज्य स्तर पर विभिन्न बैंको से जोड़ा जा रहा है। वर्तमान समय तक 47636 समूहों को सी०सी०एल० तैयार कर बैंक लिंकेज कर 36904.60 लाख रूपये का ऋण प्रदान किया गया है। राज्य में वित्तीय वर्ष 2024-25 तक 1.25 लाख लखपति दीदी लक्ष्य है। (प्रथम वर्ष-40000 द्वितीय वर्ष-50000 एवं तृतीय वर्ष 35000 ) राज्य में वर्तमान समय तक 367836 लखपति दीदी की सर्वे प्रक्रिया पूर्ण किया गया है। राज्य में वर्तमान समय तक 33376 परिवारों को लखपति दीदी के रूप में तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में सशक्त उत्तराखंड के संकल्प के तहत हमारी सरकार मुख्यमंत्री के नेतृत्व में निरंतर आगे बढ़ रही है।

गणेश जोशी ने कहा कि यू०एस०आर०एल०एम० द्वारा एम०एस०एम०ई० विभाग के साथ महिला समूहों के उत्पादों के प्रोसेसिंग एवं बाजारीकरण हेतु 24 ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना की गयी है। महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विपणन हेतु 13 जनपदों में 33 नैनों पैकेजिंग यूनिट, 13 सरस सेन्टर संचालित किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर रानीपोखरी, रायपुर देहरादून में 02 उत्तरा आउटलेट की स्थापना की गयी है । स्वयं सहायता समूहों, ग्राम संगठन एवं कलस्टर संगठनों में कुल 300 उद्यमों की स्थापना कर 7756 सदस्यों को जोडते हुये स्वरोजार से जोडा गया है। समूहों के उत्पादों के विपणन हेतु 01 आउटलेट की स्थापना जौलीग्राण्ट एयरपोर्ट, देहरादून एवं 02 आउटलेटों की स्थापना देहरादून एवं हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर की गयी है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 से एनआरएलएम द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय के आजीविका सरस ब्राण्ड एवं हिमान्या/नेचूरली पहाड़ी ब्राण्ड से समूहों के उत्पादित सामग्री का विपणन किया जायेगा। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत गठित 159 महिला सीएलएफ को प्रति सीएलएफ रू0 5.00 लाख का एक मुश्त अनुदान दिया गया है। उत्तराखण्ड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन एवं आईएलएसपी के अन्तर्गत गठित 42989 सक्रिय महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वावलंबन हेतु प्रति समूह 2000 रूपये प्रति माह की दर से 06 माह के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।

उन्होंने कहा दिव्य योग पीठ (पंतजलि ) के साथ समन्वयन कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में पंतजलि के आउटलेटों पर समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को, को-ब्राण्डिग में विक्रय कराये जाने पर कार्य गतिमान है। इसी प्रकार पंतजलि के साथ समन्वयन कर वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के चार विकासखण्डों के 4000 महिला किसानों के साथ मृदा परीक्षण और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जाना प्रस्तावित है तथा इससे विपड़न को भी गति मिलेगी।

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