देहरादून: आम आदमी पार्टी के नेता रवींद्र जुगरान ने एक बयान जारी करते हुए चमोली के रैणी गांव में आई आपदा के रेस्क्यू पर चिंता जताई। आप नेता ने कहा कि अभी भी 166 के लगभग लोग लापता हैं और 38 शव अब तक बरामद हो चुके हैं। लेकिन सबसे बड़ी चिंता का विषय टनल में फंसे वो 30 से 35 मजदूर हैं जो पिछले 6 दिनों से अन्दर फंसे हैं।
जहां ऑक्सीजन की कमी है और रेस्क्यू टीम अब तक मलबे को पूरी तरह हटा कर वहां तक पहुंचने में कामयाब नहीं हो पाई। आप नेता ने एनटीपीसी के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए कहा पहले एनटीपीसी ने जिस टनल में मजदूरों के फंसे होने की बात कही और वहां रेस्क्यू टीम प्रयास कर रही थी।
बाद में पता चला उस टनल में काम ही नहीं चल रहा था। आप नेता ने कहा,सबसे बड़ा सवाल वहां पिछले 6 दिनों से मौजूद उन परिजनों के दिमाग में है जो अपनों के इंतजार में पिछले 6 दिनों से बेतहाशा इधर उधर भटक रहे हैं। उनके दिल में अभी भी उम्मीद की किरण है कहीं से उनके अपने सुरक्षित रेस्क्यू टीम को मिल जाए लेकिन जिस तरह से पिछले 6 दिनों से काम चल रहा उससे भी उनको निराशा हो रही।
हालत ये हो गए कि अब प्रशासन, सरकार के खिलाफ वो लोग नारेबाजी और विरोध में उतर आए। जैसे जैसे दिन बढ़ते जा रहे वैसे वैसे उनकी उम्मीदें भी टूट रही है। कई परिजन ऐसे भी हैं जो अब हताश होकर अपने घरों को खाली हाथ लौटने लगे हैं को सरकार के आपदा प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है। आप नेता ने कहा, प्रशासन को अब मुस्तैदी दिखाते हुए ,तत्काल पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए और हेल्प लाइन सिस्टम भी बनाना चाहिए ताकि पीड़ित परिवारों को अपनों से जुड़ी जानकारी मिल सके।