नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार से कुंभ की तैयारियों पर रिपोर्ट तलब की है। कोर्ट ने सरकार से केंद्र द्वारा जारी एसओपी के तहत अब तक हुई तैयारियों पर हलफनामा के साथ विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। उत्तराखंड सरकार को 3 मार्च तक हुए कार्यों का ब्योरा देना है। अगली सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की गई है। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को एसओपी के क्रियान्वयन पर विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। इसमें बताना होगा कि हरिद्वार में कितने फ्रंटलाइन वर्कर को अभी तक कोरोना वैक्सीन लग चुकी है और 3 मार्च तक कुंभ के लिए कितने मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हैं।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चैहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। सच्चानंद डबराल, दुष्यंत मैनाली और राजेंद्र आर्य की ओर से राज्य में कोरोना से निबटने के लिए हुए उपायों को लेकर पीआईएल दाखिल की गई है। सच्चदानंद डबराल के वकील शिव भट्ट ने कहा कि हाईकोर्ट कुंभ के तैयारियों और हलफनामा से खुश नहीं है। हाईकोर्ट ने कुंभ मेला प्रभारी और मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार से कहा है कि तीन मार्च तक हलफनामा के साथ बताएं कि अभी तक कितनी तैयारी पूरी कर ली गई है। अभी कितनी तैयारी होनी है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जारी एसओपी पर भी बिंदुवार रिपोर्ट मांगी है। केंद्र ने 22 जनवरी को एसओपी जारी की थी। हाईकोर्ट ने फ्रंटलाइन वर्कर के वैक्सीनेशन को लेकर भी रिपोर्ट मांगते हुए पूछा है कि कुंभ को लेकर हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर के काम कितने पूरे हो चुके हैं और कितना पूरा होना बाकि है। भट्ट ने बताया कि अगली सुनवाई 5 मार्च को होगी।
कोरोना महामारी के बीच होने जा रहे कुंभ को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से दिशा निर्देश मांगे थे। इसी के बाद पिछले महीने केंद्र सरकार ने एसओपी जारी की थी। सरकार को उम्मीद है कि कुंभ के दौरान सामान्य दिनों में 10 लाख श्रद्धालु पहुंचेंगे। वहीं शाही स्नान वाले दिन यह संख्या 50 लाख तक हो सकती है।